महिलाओं से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय क़रारों (International Conventions / Agreements) की विवेचना नीचे दी जा रही है। इसमें प्रमुख चार स्तर शामिल हैं—संयुक्त राष्ट्र के समझौते, अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार क़रार, ILO के समझौते, और क्षेत्रीय घोषणाएँ।
✅ महिलाओं से संबंधित प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय क़रारों की विवेचना
1. CEDAW (Convention on the Elimination of All Forms of Discrimination Against Women), 1979
● परिचय
CEDAW महिलाओं के अधिकारों का “अंतर्राष्ट्रीय बिल ऑफ़ राइट्स” माना जाता है।
यह 1979 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपनाया गया और 1981 में लागू हुआ।
● प्रमुख प्रावधान
महिलाओं के प्रति सभी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करना
राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक क्षेत्रों में समान अधिकार
वेतन, रोजगार और शिक्षा में समान अवसर
मातृत्व संरक्षण तथा स्वास्थ्य सेवाओं तक समान पहुँच
● महत्त्व
CEDAW विश्वभर में महिला अधिकारों का सबसे प्रभावी कानूनी ढाँचा है।
भारत ने इसे 1993 में अनुमोदित किया।
2. बीजिंग घोषणा एवं कार्य योजना (Beijing Declaration and Platform for Action, 1995)
● परिचय
1995 में आयोजित चौथा विश्व महिला सम्मेलन (Beijing) में यह ऐतिहासिक दस्तावेज़ स्वीकृत हुआ।
● प्रमुख लक्ष्य
महिलाओं की भागीदारी, समानता और सशक्तिकरण
12 महत्वपूर्ण क्षेत्रों—शिक्षा, स्वास्थ्य, हिंसा, निर्णय-निर्धारण, आर्थिक अवसर आदि—पर सुधार
लैंगिक समानता को सभी नीतियों में मुख्यधारा बनाना (Gender Mainstreaming)
● महत्त्व
यह विश्व स्तर पर महिला सशक्तिकरण का सबसे प्रभावी कार्य-रोडमैप है।
—
3. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार क़रार (UN Human Rights Conventions)
● (a) UDHR – Universal Declaration of Human Rights, 1948
महिलाओं और पुरुषों को समान मानवाधिकार की गारंटी।
शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, सम्मान व स्वतंत्रता का अधिकार।
● (b) ICCPR और ICESCR
ICCPR: नागरिक और राजनीतिक अधिकारों में समानता
ICESCR: आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक अधिकारों में समान अवसर
इन क़रारों में महिलाओं को किसी भी आधार पर भेदभाव से संरक्षण मिलता है।
—
4. ILO के क़रार (International Labour Organization Conventions)
महिलाओं की कार्यस्थल सुरक्षा और समान अधिकारों पर कई महत्वपूर्ण क़रार—
● (a) Equal Remuneration Convention, 1951
समान कार्य के लिए महिलाओं को समान वेतन।
● (b) Discrimination (Employment and Occupation) Convention, 1958
रोजगार में लैंगिक भेदभाव पर रोक।
● (c) Maternity Protection Convention, 2000
गर्भवती महिलाओं के लिए मातृत्व लाभ, सुरक्षित कार्य स्थितियाँ।
—
5. UN Security Council Resolution 1325 (Women, Peace and Security), 2000
● उद्देश्य
संघर्ष/युद्ध में महिलाओं की सुरक्षा
शांति प्रक्रियाओं में महिलाओं की भागीदारी
लैंगिक हिंसा रोकना
● महत्त्व
संघर्ष-प्रभावित क्षेत्रों में महिलाओं की भूमिका और सुरक्षा पर पहला वैश्विक क़रार।
—
6. अन्य अंतर्राष्ट्रीय घोषणाएँ/क़रार
● (a) Sustainable Development Goals (SDG-5)
लैंगिक समानता
महिलाओं के प्रति हिंसा का उन्मूलन
निर्णय-निर्धारण में समान भागीदारी
● (b) Vienna Declaration (1993)
महिला अधिकार = मानव अधिकार।
—
✅ निष्कर्ष (Conclusion)
महिलाओं से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय क़रारों का उद्देश्य केवल भेदभाव समाप्त करना नहीं, बल्कि समानता, गरिमा, सुरक्षा और सशक्तिकरण सुनिश्चित करना है।
CEDAW, बीजिंग प्लेटफ़ॉर्म और ILO के क़रार विश्व स्तर पर एक मजबूत ढाँचा प्रदान करते हैं, जिनके आधार पर देशों की नीतियाँ और कानून तैयार किए जाते हैं।