माध्यस्थम तथा सुलह अधिनियम, 1996 (Arbitration and Conciliation Act, 1996) भारत में वैकल्पिक विवाद निपटान (Alternative Dispute Resolution – ADR) का प्रमुख संवैधानिक तथा विधिक ढांचा प्रदान करता है। माध्यस्थम करार (Arbitration Agreement) का अर्थ और महत्व परिभाषा: अनुच्छेद 7(1) (सेक्शन 7) के अनुसार, माध्यस्थम करार वह समझौता है जिसके द्वारा पक्ष यह सहमत होते…
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माध्यस्थम तथा सुलह अधिनियम, 1996 — मुख्य उद्देश्य
परिचय माध्यस्थम तथा सुलह अधिनियम, 1996 (The Arbitration and Conciliation Act, 1996) भारत में वैकल्पिक विवाद निपटान (Alternative Dispute Resolution — ADR) को व्यवस्थित करने हेतु पारित प्रमुख कानून है। यह अधिनियम 1996 में लागू हुआ और इसका उद्देश्य मध्यस्थता (arbitration) तथा सुलह/समझौता (conciliation) की प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित, आधुनिक और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाना…