प्रस्तावना किसी भी देश में न्यायालय व्यवस्था का उद्देश्य निष्पक्ष, त्वरित और सुसंगत न्याय प्रदान करना है। भारतीय प्रक्रिया दंड संहिता व सिविल प्रक्रिया व प्रशासनिक विधियों में मध्यस्थता (mediation/conciliation) और पंचायती व्यवस्था जैसे वैकल्पिक विवाद समाधान (Alternative Dispute Resolution — ADR) के प्रावधानों का महत्त्व बढ़ा है। 1. मध्यस्थम-पंचाट (Mediation/Conciliation/Gram Panchayat adjudication) — अवधारणा…
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माध्यस्थम तथा सुलह अधिनियम, 1996 के अंतर्गत माध्यस्थम करार के महत्त्व और आवश्यक तत्व
माध्यस्थम तथा सुलह अधिनियम, 1996 (Arbitration and Conciliation Act, 1996) भारत में वैकल्पिक विवाद निपटान (Alternative Dispute Resolution – ADR) का प्रमुख संवैधानिक तथा विधिक ढांचा प्रदान करता है। माध्यस्थम करार (Arbitration Agreement) का अर्थ और महत्व परिभाषा: अनुच्छेद 7(1) (सेक्शन 7) के अनुसार, माध्यस्थम करार वह समझौता है जिसके द्वारा पक्ष यह सहमत होते…
वैकल्पिक विवाद निश्चय प्रणाली (Alternative Dispute Resolution — ADR) का क्या अर्थ है?
विवादों का समाधान न्यायालय के बाहर निपटाने की प्रक्रियाओं के समुच्चय को वैकल्पिक विवाद निश्चय प्रणाली (ADR) कहते हैं। यह शब्द एक समग्र संज्ञा है जो मध्यस्थता (mediation), सुलह (conciliation), समझौता बैठकें (negotiation), पंचाट (lok adalat), निर्णायक मध्यस्थता (arbitration) तथा अन्य वैकल्पिक तरीकों को शामिल करता है। ADR का उद्देश्य समय,…